कड़ी मेहनत के बाद भी प्रगति रुकी पड़ी है पर्याप्त आय पर भी क़र्ज़ चढ़ रहे हो तो संभव है

कड़ी मेहनत के बाद भी प्रगति रुकी पड़ी है 
पर्याप्त आय पर भी क़र्ज़ चढ़ रहे हो तो संभव है 

आपके घर में  मृत आत्माओं का डेरा हो सकता है ,पर आपको पता नहीं
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आप अपनी जिन्दगी जी रहे और अपने घर में रह रहे होते हैं ,आपको कुछ दीखता तो नहीं पर आपके घर में अदृश्य शक्तियों का भी वास होता है |इनमे भूत ,प्रेत ,ब्रह्म ,पितृ ,आदि होते हैं |जब तक इनकी संख्या या ऊर्जा या शक्ति की मात्रा कम होती है तब तक आपको कुछ भी महसूस नहीं होता क्योंकि यह भौतिक शरीर में तो होते नहीं इसलिए दीखते नहीं |हर व्यक्ति मरने के तुरंत बाद जन्म नहीं लेता |बहुत से लोग मरने के बाद भूत -प्रेत बनते हैं जो सैकड़ों -हजारों वर्षों तक उसी योनी में रहते हैं |जिस स्थान से उनका लगाव होता है वहां वह अधिक विचरण करते हैं |आपने घर बनाया ,या किराए पर आये ,या फ़्लैट लिया और रहने लगे |आपको क्या पता यहाँ या इस जमीन के नीचे क्या क्या है |आपके घर के किसी सदस्य की मृत्यु हुई तो उसका भौतिक शरीर तो ख़त्म हो गया पर उसका सूक्ष्म शरीर और आत्मा तो रहती ही है वह आपके आस -पास ही घूमेगा या जहाँ उसकी मृत्यु हुई हो उस स्थान के आसपास घूमेगा |यह आपको दिखेगा नहीं इसलिए अनुभव भी नहीं होगा |क्योंकि मनुष्य स्वभाव है जो दीखता नहीं उसे मानेंगे कैसे ?इनका अनुभव तब होता है जब इनकी शक्ति अधिक हो ,यह अधिक संख्या में हो जाएँ ,यह आपसे रुष्ट हों और परेशानी उत्पन्न करें ,यह सीधे किसी को प्रभावित कर दें |इनसे उत्पन्न परेशानी पर भी यह आपको दिखेंगे नहीं |लक्षणों से ही इनके प्रभाव की पकड़ आएगी |जरुरी नहीं की सीधे किसी को प्रभावित ही करें ,ऐसा बहुत कम होता है ,पर इनका प्रभाव पूरे परिवार और घर पर पड़ता रहता है अप्रत्यक्ष रूप से |यह अडचन सब जगह उत्पन्न करते रहते हैं |[मुक्ति मार्ग ] 
क्या लक्षण हैं इनके -
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आप घर में घुसते हैं और अनायास तनावग्रस्त हो जाते हैं ,सर भारी हो जाता है जबकि आप बाहर बिलकुल ठीक थे |अनायास थकान भी महसूस होने लगी और शान्ति की भी चाह होने लगी |आपका दिमाग कहीं और जाकर अटक जा रहा |खुद को परिवार में खुशहाली नहीं दिखती |खुद ही परायापन लगता है |दूर से देखने पर घर मनहूस सा लगता है अथवा उसमे रौनक नहीं लगती |बाहरी लोग के घर आने पर उलझन महसूस होता है |जो बाहरी लोग भी आते हैं वह भी अधिक देर घर पर नहीं रहना चाहते हैं |बाहरी लोगों अथवा रिश्तेदार -नातेदार के आने पर आर्थिक संतुलन बिगड़ जाता है और पर्याप्त आवभगत नहीं हो पाती |कभी कभी घर का खर्च निकालने के लिए कर्ज की स्थिति आ जाती है जबकि आपकी या परिवार की आय पर्याप्त है |कर्ज लेने पर कर्ज अदायगी मुश्किल हो जाती है | आप घर में रहते हुए हमेशा उद्विग्नता ,घबराहट महसूस करते हैं और दिमाग भटकता ही रहता है |एक न एक उलझन /विचार चलते ही रहते हैं |पूजा-पाठ में मन नहीं लगता ,पूजा पाठ से सदैव मन भागता है ,पूजा पाठ करते समय सर भारी हो जाता है ,लगता है जैसे कोई और भी आसपास है ,जम्हाई अधिक आती है ,पूजा पाठ करने से दुर्घटनाएं या परेशानियां बढ़ जा रही हैं ,पूजा पाठ आदि धार्मिक क्रियाओं में अवरोध उत्पन्न हो रहा है |कुछ मंगल के काम करना चाहते हैं तो अनावश्यक रुकावट आ रही है |प्रगति रुकी लगती है अथवा अवनति होने लगती है|अपशकुन हो रहा है ,अनावश्यक आग आदि लग जाती है अथवा कपडे खराब हो जाते हैं | अपने ही घर में कभी कभी भय लगता है |
आपके घर में अशांति का वातावरण है ,कलह होता है ,पति-पत्नी में अनावश्यक अत्यधिक कलह हो जाता है, जबकि कोई बड़ा कारण नहीं समझ आता ,अचानक से आपसी समझदारी का संतुलन बिगड़ जाता है ,सब कुछ ठीक चलते चलते अचानक झगड़ा हो जाता है ,बीमारियाँ अधिक होती हैं ,आय-व्यय का संतुलन बिगड़ जाता है जबकि पर्याप्त आय हो रही है किन्तु बेवजह के खर्चे आ जा रहे हैं ,आकस्मिक दुर्घटनाएं हो जाती हैं ,रोग हो जाता है किन्तु कारण पता नहीं चलता ,दीर्घकालिक रोग हो जा रहे |सबकुछ ठीक होने पर भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता ,सदस्यों में मतभेद हो जाता है |संतान गलत रास्ते जा रही |संताने विरुद्ध जाने लगी हैं अथवा बहस करने लगी हैं,उनके भविष्य असुरक्षित होने लगे हैं ,संतान हीनता की स्थिति हो रही या संतान होकर भी योग्य नहीं बन पा रही ,अधिक त्वचा रोग आदि हो रहा है |योग्यता -क्षमता होने पर भी उन्नति नहीं हो रही ,नौकरी नहीं लग रही या बार बार दिक्कते कार्यक्षेत्र में आती हैं |आप अपना कर्तव्य ठीक से पूरा नहीं कर पा रहे |मन हमेशा भटकता रहता है |
कुछ लोगों के यहाँ कभी कभी इनसे भी अधिक गंभीर स्थिति होती है पर तब भी उन्हें अनुभव नहीं हो पाता की उनके घर में भूतों का डेरा है |कभी कभी कुछ लोगों को अहसास होता है कि उनके आस पास कोई और भी है ,पर नजरें घुमाने पर कोई दिखाई नहीं देता ।कभी अकेले कमरे या एकांत में महसूस होता है कि कमरे में आपके अलावा भी कोई है।जिन्हें बार बार ऐसा महसूस होता है उसे कोई न कोई कमी या समस्या भी परेशान करती है ,चाहे घर परिवार की हो ,कमाई धंधे की हो ,सन्तान की हो ,स्वास्थ्य की हो या किसी और प्रकार की ।एकाध बार की अनुभूति तो भ्रम से भी हो सकती है ,किंतु बार बार का महसूस होना भ्रम नहीं होता ।कभी कभी किसी किसी को महसूस होता है कि कोई उसे छू गया ,कभी किसी को महसूस होता है कि कोई आगे से चला गया ,कोई पीछे से चला गया ।कभी कभी पूजा करते समय भी ऐसा महसूस हो सकता है ।कभी किसी किसी को सोते समय अर्ध निद्रा में महसूस होता है कि कोई सीने पर आकर बैठ गया ,कभी किसी को लगता है कि कोई गला दबा रहा है ।कभी किसी को लगता है की कोई छाया सी आकर उस पर छा गयी या उसे दबा लिया । यह किसी अशरीरी के जुड़ाव या प्रभाव की ओर संकेत करता है ।
कभी कभी किसी किसी को सोते समय अपने बिस्तर पर किसी की उपस्थिति महसूस होती है ।कभी कभी किसी किसी को सीधे स्पर्श भी महसूस होता है ।किसी को अंग विशेष तो किसी को हाथ ,किसी किसी को पूरा शरीर का स्पर्श महसूस होता है ।कुछ मामलों में देखा गया है कि कोई अशरीरी जी दिखाई तो नहीं देता पर जिसका अनुभव होता है ,किसी के साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाता है ।किसी को इससे अपार कष्ट तो किसी को बेहद सुखद अनुभूति होती है ।कभी किसी गिर कर चोट खाने वाले को लगता है कि किसी ने अनायास धक्का दे दिया ,जबकि वहां कोई ऐसा नहीं होता ।इस स्तर पर की स्थिति बेहद गम्भीर हो जाती है और इनका निराकरण बड़े बड़े स्वनाम धन्य तांत्रिक ,सिद्ध भी नहीं कर पाते ।
उपरोक्त अनुभव विभिन्न क्रम की शक्तियों द्वारा व्यक्ति विशेष को प्रभावित करने के कारण होते हैं ।यदि उपरोक्त प्रकार के कुछ या कोई लक्षण आपके साथ हैं तो मान लीजिये की सबकुछ सामान्य नहीं है |यह सब ग्रह दोष भी नहीं है |यह ग्रहीय स्थितियों से भिन्न नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव है ,जिनमे विभिन्न प्रकार की उर्जायें हो सकती हैं |स्थान दोष हो सकता है ,पित्र दोष हो सकता है ,क्षेत्रपाल या ग्रामदेवता प्रभावित कर रहे ऐसा भी सम्भव है |कोई नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश कर गयी हो ऐसा हो सकता है |किसी ने कुछ कर -करा दिया हो अथवा कोई टोना टोटका किया गया हो ऐसा भी सम्भव है |कोई नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति उस स्थान के नीचे दबी हो सकती है |भूत -प्रेत का उपद्रव आपके घर में हो सकता है |इन सब में से कुछ या कई हो सकती हैं जिससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो रही और आपको तथा आपके परिवार को प्रभावित कर रही |
कैसे दूर करें उपरोक्त समस्या -
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व्यक्ति उपाय तलाशता ही रहता है अथवा कई उपाय करने पर भी लाभ नहीं होता |यहाँ जरूरत है एक अच्छे तांत्रिक से विश्लेषण करा किस प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा है यह पता लगाने की |आप छोटे -छोटे टोने -टोटके मत आजमाइए | इन स्थितियों में शतचंडी ,महामृत्युंजय अनुष्ठान कारगर होते हैं पर इनका खर्च काफी अधिक आता है |कहने को तो बहुत से उपाय ह्होते हैं और लोग अनेक उपाय करते भी हैं |कम खर्च में काम करना हो और यदि आपको कोई योग्य सक्षम तांत्रिक नहीं मिल पा रहा तो आप हमारे बताये निम्न उपाय करें |आपकी समस्या हल हो जायेगी और घर के भूत -प्रेत -नकारात्मक ऊर्जा /शक्ति दूर हो जायेंगी |पित्र दोष आदि के प्रभाव दब जायेंगे |इसका एक फायदा यह भी होगा की आपकी समस्या केवल कुछ वर्ष नहीं कम होगी अपितु वर्षों वर्ष आप लाभान्वित होंगे |
आप अपने घर के पूजा घर में चमत्कारी दिव्य गुटिका /डिब्बी रखें और प्रतिदिन उसकी सामान्य पूजा जरुर करें |इसके बाद आप महाविपरीत प्रत्यंगिरा पाठ की ११ पाठ रोज करें |यदि १०८ दिन तक लगातार न कर सकें तो ११ -११ दिन के संकल्प के साथ पाठ करें ११ बार |यदि घर में किसी बड़े शक्ति का प्रकोप लगता हो तब घर का कोई एक अन्य सदस्य भी बगला प्रत्यंगिरा के ११ पाठ इसी प्रकार करे |उपरोक्त पाठों में जरुरी नहीं की आप या पुरुष सदस्य ही पाठ करें |कोई महिला सदस्य भी पाठ कर सकती है |इन पाठों को बस एक बार समझने की जरूरत होती है ,उसके बाद पाठ किया जा सकता है |
दिव्य गुटिका का निर्माण इस प्रकार किया गया होता है की यह चामुंडा ,काली ,आदि शक्तियों की शक्ति से शक्तिकृत होता है ,जो उपरोक्त पाठों से और भी शक्ति संतृप्त होता जाता है तथा इन शक्तियों को वर्षों तक स्थायी रखता है जिससे किया गया पाठ वर्षों तक लाभ देता है |इसमें  ऐसे अवयव होते हैं जो भिन्न भिन्न शक्तियों की ऊर्जा रखते हैं |इस पर की गयी उपरोक्त पाठ और क्रिया से भूत -प्रेत आदि वह स्थान छोड़ चले जाते हैं जहाँ यह गुटिका रखी हो |हानि करने वाले पितरों की शक्ति कम हो जाती है और दैवीय शक्तियाँ बढ़ जाती हैं |किसी द्वारा कोई अभिचार किया गया हो अथवा किसी ने कोई भूत -प्रेत भेजा हो तो वह उसी व्यक्ति पर दोगुनी शक्ति से वापस लौट जाता है और भेजने वाले का ही अहित करता है |पाठ के बाद कोई भी अभिचार उस घर पर काम नहीं करता जहाँ गुटिका हो |कोई बाहरी भूत -प्रेत वहां घुसने का सहस नहीं करता |घर की नकारात्मक ऊर्जा और शक्तियाँ हट जाती हैं |
इसपर किये गए पाठ से एक लाभ यह भी होता है की बाहरी तांत्रिक की क्रिया पर प्रतिक्रिया करने वाली शक्तियाँ वैसी प्रतिक्रिया नहीं करती क्योंकि घर से सदस्य द्वारा देवी पूजा की जाती है |इस पूजा और जप में एक बार मात्र दिव्य गुटिका पर खर्च आता है ,उसके बाद कोई खर्च नहीं आता ,जबकि लाभ वर्षों का या तब तक होता है जब तक दिव्य गुटिका की सामान्य पूजा होती रहे |इस तरह यह क्रिया अधिक लाभदायक भी और कम खर्च में भी हो जाती है |...............................................हर -हर महादेव
Aacharya Goldie Madan
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