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Showing posts from July, 2022

दारिद्र्य नाशक स्तोत्रम्

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दारिद्र्य नाशक स्तोत्रम् ================ अगर कोई व्यक्ति इस स्तोत्र का तीनो संध्या पाठ कर ले तो उसके सौभाग्य का उदय होता है .  विपक्षी मूक होकर उसे देखते रह जाते है .क्रोधित व्यक्ति का क्रोध नष्ट हो जाता है और माता बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त होता है . :::::::::: श्रीबगला(वल्गा)मुखीस्तोत्रम् ::::::::::: ============================== श्रीगणेशाय नमः । चलत्कनककुण्डलोल्लसितचारुगण्डस्थलीं लसत्कनकचम्पकद्युतिमदिन्दुबिम्बाननाम् । गदाहतविपक्षकां कलितलोलजिह्वाञ्चलां स्मरामि बगलामुखीं विमुखवाङ्मनस्स्तम्भिनीम् ॥ १॥ पीयूषोदधिमध्यचारुविलद्रक्तोत्पले मण्डपे सत्सिंहासनमौलिपातितरिपुं प्रेतासनाध्यासिनीम् । स्वर्णाभां करपीडितारिरसनां भ्राम्यद्गदां विभ्रतीमित्थं ध्यायति यान्ति तस्य सहसा सद्योऽथ सर्वापदः ॥ २॥ देवि त्वच्चरणाम्बुजार्चनकृते यः पीतपुष्पाञ्जलीन्भक्त्या वामकरे निधाय च मनुं मन्त्री मनोज्ञाक्षरम् । पीठध्यानपरोऽथ कुम्भकवशाद्बीजं स्मरेत्पार्थिवं तस्यामित्रमुखस्य वाचि हृदये जाड्यं भवेत्तत्क्षणात् ॥ ३॥ वादी मूकति रङ्कति क्षितिपतिर्वैश्वानरः शीतति क्रोधी शाम्यति दुर्जनः सुजनति क्षिप्रानुगः खञ्जति ।

बगलामुखी यन्त्र से रोके/हटाये भूत-प्रेत ,वायव्य बाधा ,नकारात्मक ऊर्जा

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बगलामुखी यन्त्र से रोके/हटाये भूत-प्रेत ,वायव्य बाधा ,नकारात्मक ऊर्जा ================================================= भगवती बगलामुखी दस महाविद्याओ में से एक प्रमुख महाविद्या और शक्ति है ,जिन्हें ब्रह्मास्त्र विद्या या शक्ति भी कहा जाता है ,यह परम तेजोमय शक्ति है जिनकी शक्ति का मूलसूत्र ,प्राण सूत्र है ,,प्राण सूत्र प्रत्येक प्राणी में सुप्त अवस्था में होता है जो इनकी साधना से चैतन्य होता है ,इसकी चैतन्यता से समस्त षट्कर्म भी सिद्ध हो सकते है ,,बगलामुखी को सिद्ध विद्या भी कहा जाता है ,मूलतः यह स्तम्भन की देवी है पर समस्त षट्कर्म इनके द्वारा सिद्ध होते है और अंततः यह मोक्ष प्रदान करने में सक्षम है ... बगलामुखी यन्त्र माता बगलामुखी का निवास माना जाता है जिसमे वह अपने अंग विद्याओ ,शक्तियों ,देवों के साथ निवास करती है ,अतः यन्त्र के साथ इन सबका जुड़ाव और सानिध्य प्राप्त होता है ,,यन्त्र के अनेक उपयोग है ,यह धातु अथवा भोजपत्र पर बना हो सकता है ,पूजन में धातु के यन्त्र का ही अधिकतर उपयोग होता है ,पर सिद्ध व्यक्ति से प्राप्त भोजपत्र पर निर्मित यन्त्र बेहद प्रभावकारी होता है ,,धारण हेतु भोजपत

वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है ब्रह्मास्त्र विद्या की साधना से

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वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है ब्रह्मास्त्र विद्या की साधना से   ======================================== :::::::बगलामुखी [ब्रह्मास्त्र विद्या ]महासाधना और प्रभाव ::::::::: ==================================================== ...................महाविद्या श्री बगलामुखी दश महाविद्या के अंतर्गत श्री कुल की महाविद्या है ,जिनकी पूजा साधना से सर्वाभीष्ट की प्राप्ति होती है |,,ग्रह दोष ,शत्रु बाधा ,रोग-शोक-दुष्ट प्रभाव ,वायव्य बाधा से मुक्ति मिलती है |,सर्वत्र विजय ,सम्मान ,ऐश्वर्य प्राप्त होता है ,वाद-विवाद ,मुकदमे में विजय मिलती है |,अधिकारी वर्ग वशीभूत होता है ,सामने वाले का वाक् स्तम्भन होता है और साधक को वाक् सिद्धि प्राप्त होती है |,,इनकी साधना से लौकिक और अलौकिक फलो की प्राप्ति होती है |,, ...........महाविद्या श्री बगलामुखी की साधना दक्षिणाम्नाय अथवा उर्ध्वाम्नाय से होती है |,,दक्षिणाम्नाय में इनकी दो भुजाये मानी जाती है और मंत्र में ह्ल्रिम बीज का प्रयोग होता है |,,उर्ध्वाम्नाय में इनकी चार भुजाये मानी जाती है और इनका स्वरुप ब्रह्मास्त्र स्वरूपिणी बगला का हो जाता है ,इस स्वरुप में ह्

क्या -क्या होता है आपके साथ ?-जब आप पर या घर पर तांत्रिक अभिचार या टोना -टोटका किया हो

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क्या -क्या होता है आपके साथ ? ---------------------------------------- जब आप पर या घर पर तांत्रिक अभिचार या टोना -टोटका किया हो ==============================================                  सामान्य जीवन में हम अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहते हैं |जीवन में इतने संघर्ष हैं की कुछ भी सोचने की फुर्सत नहीं रहती |हम अपने आप में इतने व्यस्त होते हैं की आसपास ,दोस्तों -परिचितों -रिश्तेदारों तक के बारे में बहुत कुछ देखने का समय नहीं होता ,दूर के लोगों की तो बात ही क्या ,किन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपको सुखी और अपने आप में जीता हुआ नहीं देख सकते |इन्हें अपने जीवन से अधिक दूसरों के जीवन में रूचि होती है |यह खुद की उन्नति हो इस बारे में न सोचकर अक्सर यह सोचते हैं की दूसरा कैसे उन्नति कर रहा ,उसकी उन्नति कैसे रोकी जाए |इसके लिए यह टोने -टोटकों का सहारा लेते हैं |कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो छोटी -छोटी बातों की दुश्मनी निकालने के लिए किसी को अभिचार के अंधे कुएं में धकेल सकते हैं |कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपनी समस्या उतारकर दुसरे को दे देते हैं तांत्रिक के बताने पर ,यह भी एक प्रकार का तांत्रिक

ब्रह्मास्त्र विद्या ::

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:::::::::::ब्रह्मास्त्र विद्या ::::::::::::::: ============================= सृष्टि के आदि काल से ही हंसना, रोना, इच्छायें और उनकी पूर्ती में आने वाली बाधायें मनुष्य के लिये चुनौती रहे हैं | कोई धन पाना चाहता है तो कोई मान - सम्मान पाने के लिये परेशान है | किसी को प्रेम चाहिये तो कोई व्यर्थ में ही ईर्ष्या की अग्नि में झुलसा जा रहा है | कोई भोग में अपनी तृप्ति ढूंढ़ता रहा है तो कोई मोक्ष की तलाश में रहा है | अलग - अलग कामनाओं की पूर्ती के लिये दस महाविद्याओं की साधनाओं की परम्परा काफी पुरानी है - काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडषी, मातंगी, त्रिपुरभैरवी, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, कमला और धूमावती की उपासना भारत की पुरानी परम्परा है |  इन दस महाविद्याओं में शत्रु का स्तम्भन करने, शत्रु का नाश करने में बगलामुखी का नाम सबसे ऊपर है | इस देवी का दूसरा नाम पीताम्बरा भी है | इसी विद्या को ब्रह्मास्त्र विद्या कहा जाता है | यही है प्राचीन भारत का वह ब्रह्मास्त्र जो पल भर में सारे विश्व को नष्ट करने में सक्षम था | आज भी इस विद्या का प्रयोग साधक शत्रु की गति का स्तम्भन करने के लिये करते हैं | ये वही विद्या ह

जाने वशीकरण का वैज्ञानिक सच क्या है

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जाने वशीकरण का वैज्ञानिक सच क्या है   ============================    वशीकरण :: भ्रम या सच  क्या सचमुच वशीकरण होता है  =====================  तंत्र ,अध्यात्म और सामान्य जनों में वशीकरण एक जाना पहचाना नाम है |पर क्या सचमुच वशीकरण ,मोहन ,आकर्षण आदि होता है ,यह प्रश्न बहुत से लोग करते हैं या यह मात्र भ्रम है |शास्त्रों और जन सामान्य की कथाओं ,उक्तियों में तो वशीकरण का क्षेत्र बहुत व्यापक है |देवता ,ईष्ट से लेकर सामान्य मनुष्य तक को वशीभूत करने के प्रयोग ,तरीके शास्त्रों में दिए गए हैं |बहुत से लोग खुद यह प्रयोग करते हैं ,करवाते हैं अथवा तांत्रिक आदि की मदद लेते हैं |यहाँ वहां इसके लिए दौड़ते ,प्रयास करते हैं |अगर वशीकरण जैसी कोई विद्या नहीं तो फिर क्यों इतना इसका प्रचार है ,क्यों लोग ऐसा प्रयास करते हैं |क्या केवल सुनकर ?या केवल पढकर |  तंत्र आदि गुह्य विद्याओं के शास्त्रों में लगभग सभी धर्मों में षट्कर्म जैसी विद्याएँ पाई जाती हैं | इनमे से ही एक विद्या वशीकरण भी है |वशीकरण ,सम्मोहन के ही समान कार्य करता है किन्तु इसमें व्यक्ति पूरे होशोहवास में सबकुछ जानते बूझते खुद ऐसी क्रियाएं और कार्य

डिप्रेसन [Depression] /अवसाद ज्योतिषीय /तांत्रिकी उपचार

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डिप्रेसन [Depression] /अवसाद  ज्योतिषीय /तांत्रिकी उपचार =========================================== डिप्रेसन अथवा अवसाद में मन की भूमिका सर्वोपरि होती है जबकि इसके प्रभाव से शारीरिक रूप से व्यक्ति खुद को पंगु समझने लगता है |मन जब अशांत हो ,दब गया हो तो शरीर की सुध जाती रहती है |न कुछ अच्छा लगता है न कुछ करने की इच्छा होती है |कभी कभी तो जीवन समाप्त कर देने की इच्छा उत्पन्न हो जाती है और जीवन व्यर्थ लगता है |कोई उद्देश्य समझ नहीं आता ,कोई लक्ष्य और प्रेरणा नहीं समझ आती |इसके कारण अनेक हो सकते हैं | यह कारण सामाजिक ,पारिवारिक ,आर्थिक ,शैक्षिक ,व्यावसायिक अथवा स्वयं के कारण उत्पन्न हुए हो सकते हैं किन्तु प्रभाव मन पर ही आता है |गृह दशाओं में परिवर्तन अथवा चन्द्रमा के प्रभाव से भी यह उत्पन्न होता है |कुछ लोगों के जीवन में चन्द्रमा आदि की स्थिति के कारण जीवन भर ऐसी स्थितियां उत्पन्न होने की संभावना होती हैं | यह प्रभाव जब उत्पन्न होता है तो मनोबल गिर जाता है |आत्मविश्वास समाप्त हो जाता है |कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है |सकारात्मक विचारों की बजाय नकारात्मक विचार उत्पन्न होने लगते हैं |अच्