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Showing posts from 2023

Mahakaal Bhairav ashtakam strotra

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Mahakal Bhairavashtkam strotra Click the link to listen☝️☝️☝️ Aacharya Goldie Madan Whats app +16475102650 and +919717032324 Maha Kal Bhairav Stotram: A Spiritual Odyssey into Celestial Harmony with Aacharya Goldie Madan Introduction: In the expansive tapestry of Hindu spirituality, Maha Kal Bhairav Stotram emerges as a profound hymn dedicated to Lord Bhairava, the fierce and awe-inspiring manifestation of Lord Shiva. This sacred composition has transcended time, resonating with seekers who seek divine protection, fearlessness, and spiritual elevation. Among those who have unraveled the esoteric depths of this stotram, the esteemed astrologer and spiritual guide, Aacharya Goldie Madan, stands as a beacon, weaving astrological insights seamlessly into the spiritual fabric. Chapter 1: The Essence of Maha Kal Bhairav Stotram Maha Kal Bhairav Stotram is a composition of verses that extol the glory and attributes of Lord Bhairava. The term "Maha Kal" signifies the time

अच्छा खासा चलता व्यवसाय ठप्प पड़ गया हो तो क्या करे (For high profit in business)

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अच्छा खासा चलता व्यवसाय ठप्प पड़ गया हो तो क्या करे  ================================== व्यवसाय बंधन से बचाव के उपाय व्यवसाय कार्य बंधन और तांत्रिक वस्तुएं  ===========================        आमतौर पर देखा गया है की एक ही प्रकार के दो प्रतिष्ठान ,दूकान पास-पास होते हुए भी एक का व्यवसाय अच्छा चल रहा है ,जबकि दुसरे का व्यापार ठप पड़ा रहता है अथवा बहुत कम चलता है |कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है की कभी किसी दूकान पर बहुत भीड़ लगती थी पर आज वहां एक भी ग्राहक दिखाई नहीं देता जबकि पास में बाद में खोली हुई दूकान बहुत अच्छी चल रही है ,,जिस घर में कभी सुख-शांति थी वहां एकाएक लड़ाई-झगडे , मार-पीट ,रोग-शोक पनप जाते हैं |क्यों ऐसा होता है |इसके यद्यपि कई कारण हो सकते हैं पर अक्सर इसके कारण तांत्रिक प्रयोग भी होते हैं ,छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए लोग खुद अथवा किसी लालची से तांत्रिक क्रियाएं करवाकर दुसरे को कष्ट दे देते हैं अथवा उसकी दूकान-प्रतिष्ठान बंधवा देते हैं ,कभी किसी जानकार से शत्रुता भी भारी पड़ जाती है ,वह कुछ क्रिया करके दूकान बाँध देता है |कभी-कभी इनमे जानकार की कोई गलती नहीं होती ,सामने वाला प्रतिद

हनुमान चालीसा का पाठ कब और कितनी बार किया जाने से क्या लाभ मिलते है ?

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हनुमान चालीसा का पाठ कब और कितनी बार किया जाने से क्या लाभ मिलते है ? ======================================================== १. हनुमान चालीसा का 100 बार जप करने पर आपको सभी भौतिकवादी चीजों से मुक्ति मिल जाती है  २.हनुमान चालीसा का 21 बार जाप करने से धन में वृद्धि होती है। ३. हनुमान चालीसा का 19 बार जाप करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ४.हनुमान चालीसा का 7 बार जाप करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ५.हनुमान चालीसा का 1 बार जप करने से भगवान हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और आपको हर स्थिति में विजयी होने में मदद मिलती है। ६.अगर आप अपने जीवन में एक साथ कई परेशानियों से परेशान है और हनुमान जी की विशेष कृपा पाना चाहते है तो सुबह के 4 बजे 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करे  ७.मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का 1 बार जप करने से हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और मंगल दोष, साढ़े साती जैसे हर दोष का निवारण होता है। ८.भगवान हनुमान जी का नाम जप करने से आपके आसपास एक सकारात्मक आभा का निर्माण होता है। ९.राम नाम का जप या राम हनुमान का कोई भी राम भजन, हनुमान जी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है क्योंक

Matangi jayanti sadhna

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Matangi sadhna on 21/22/23 april Night 9pm onwards North facing Red aasan Red cloths Moonga(coral) mala /rudraksh mala 21 mala daily for 3 days Sankalp: as per audio Hreem kleem hoom matangaye phat swaha Aacharya Goldie Madan Whats app +16475102650 and +919717032324 साधना विधि यह साधना मातंगी जयन्ती, मातंगी सिद्धि दिवस अथवा किसी भी सोमवार के दिन से शुरू की जा सकती है। यह साधना रात्रिकालीन है और इसे रात्रि में ९ बजे के बाद शुरु करना चाहिए। सर्वप्रथम साधक स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल वस्त्र पहिनकर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठ जाए। अपने सामने लाल वस्त्र बिछा ले। इस साधना में माँ मातंगी का चित्र, यन्त्र और लाल मूँगा माला का महत्व बताया गया है, परन्तु सामग्री उपलब्ध ना हो तो किसी ताँबे की प्लेट में स्वास्तिक बनाए और उस पर एक सुपारी स्थापित कर दे और उसे ही यन्त्र मानकर स्थापित कर दे। आपके पास मातंगी का चित्र ना हो तो आप ”माताजी” का ही मातंगी स्वरुप में पूजन करे, माताजी तो स्वयं ही ”जगदम्बा” है और माला के विषय में स्फटिक माला, लाल हकीक माला, मूँगा माला, रुद्राक्ष माला में

बगलामुखी दीक्षा के बारे में कुछ मह्त्वपूर्ण जानकारियां

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बगलामुखी दीक्षा के बारे में कुछ मह्त्वपूर्ण जानकारियां  ====================================          दस महाविद्याओं में शत्रु का स्तम्भन करने, शत्रु का नाश करने में बगलामुखी का नाम सबसे ऊपर है | इस देवी का दूसरा नाम पीताम्बरा भी है | इसी विद्या को ब्रह्मास्त्र विद्या कहा जाता है | यही है प्राचीन भारत का वह ब्रह्मास्त्र जो पल भर में सारे विश्व को नष्ट करने में सक्षम था | आज भी इस विद्या का प्रयोग साधक शत्रु की गति का स्तम्भन करने के लिये करते हैं | ये वही विद्या है जिसका प्रयोग मेघनाद ने अशोक वाटिका में श्री हनुमान पर किया था ( राम चरित मानस के सुन्दर कांड में इसका उदाहरण है |[ ब्रह्म अस्त्र तेहि सांधा कपि मन कीन्ह विचार, जो न ब्रह्म सर मानऊ महिमा मिटै अपार ], ये वही ब्रह्मास्त्र है जिसकी साधना श्रीराम ने रावण को मारने के लिये की थी, ये वही ब्रह्मास्त्र है जिसका प्रयोग महाभारत युद्ध के अंत में कृष्ण द्वैपायन व्यास के आश्रम में अर्जुन और अश्वत्थामा ने एक दूसरे पर किया था और जिसके बचाव में श्री कृष्ण को बीच में आना पड़ा था | ( महाभारत के अंत में ) ये वही सुप्रसिद्ध विद्या है जिसके प्रयोग