क्षमता है पहाड़ तोड़ने की लेकिन आप एक पत्थर भी नहीं तोड़ पा रहे
क्षमता है पहाड़ तोड़ने की लेकिन आप एक पत्थर भी नहीं तोड़ पा रहे
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कहीं आपकी उन्नति रोकी तो नहीं जा रही
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आप यथासंभव पूरी मेहनत करते हैं ,पूरी योग्यता है आपमें की आप अच्छी स्थिति में पहुंचें ,आप अच्छी बुद्धि ,क्षमता रखते हैं फिर भी आप उन्नति नहीं कर पा रहे |आप अच्छे पृष्ठभूमि से हैं पर आप उसे भी बरकरार नहीं रख पा रहे |जो बाप-दादाओं ने बनाया उसे भी नहीं संभल पा रहे ,जबकि आपमें सारी क्षमताएं और योग्यताएं हैं |आप अच्छी शिक्षा ,क्षमता ,योग्यता के बावजूद निम्न स्थिति में जीने को विवश हैं ,जबकि आपके आसपास अथवा परिवार में ही कोई अन्य लगातार उन्नति करता जा रहा ,हर तरफ विकास करता जा रहा |अनावश्यक कभी रोग तो कभी हानि ,कभी कलह तो कभी लड़ाई झगड़े ,कभी कर्ज तो कभी दुर्घटनाएं ,कभी बच्चों की समस्याएं तो कभी माता -पिता की ,कभी नौकरी में समस्या तो कभी व्यवसाय में ,कभी पारिवारिक विवाद /मतभेद तो कभी मुकदमे लगातार कुछ न कुछ लगा ही रहता है ,जबकि आप यदि एकाग्र हो कर किसी भी क्षेत्र में जुट जाएँ तो आप सफल हो जायेंगे ,पर आप एकाग्र हो ही नहीं पा रहे ,पूरा समय लक्ष्य पर दे ही नहीं पा रहे |इन सबके पीछे कुछ नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है |आप माने या न माने पर ऐसा होता है |
यह नकारात्मक ऊर्जा ग्रह दोष के कारण हो सकती है |वास्तु दोष के कारण हो सकती है |स्थान अथवा भूमि दोष के कारण हो सकती है |आपके यहाँ पित्र दोष के कारण हो सकती है |आपके कुलदेवता /देवी की असंतुष्टि के कारण हो सकती है |कहीं से आये भूत -प्रेत -ब्रह्म -जिन्न के कारण हो सकती है |किसी के द्वारा भेजे गए भूत-प्रेत के कारण हो सकती है |किसी के द्वारा आपके विरुद्ध किसी तांत्रिक से अभिचार कराने के कारण हो सकती है |आपके किसी नजदीकी द्वारा समय समय पर आपके विरुद्ध टोटके किये जाने के कारण हो सकती है |आपके व्यावसायिक प्रतिद्वंदी अथवा दुश्मन या विरोधी द्वारा आपके विरुद्ध अभिचार कराने के कारण हो सकती है |नौकरी के किसी सहकर्मी अथवा किसी परिचित द्वारा आपकी उन्नति न देख पाने से कोई क्रिया कराने के कारण हो सकती है |
इन नकारात्मक या दूषित प्रभावों के कारण ,आपकी उन्नति रुक जाती है ,आपका पतन होने लगता है |स्वभाव में खराबी आ जाती है |व्यवहार व् बर्ताब बिगड़ने लगता है |समय पर कार्य में बाधा आती है |आपके निर्णय गलत होने लगते हैं |आलस्य और प्रमाद घेरने लगता है |निराशा और डिप्रेसन होने लगता है |कभी स्वभाव में उग्रता आती है कभी हीन भावना ,क्षोभ और वितृष्णा रहती है |बुरे स्वप्न आ सकते हैं |अशुभ लक्षण दिख सकते हैं |रात में या सुनसान में भय सा महसूस हो सकता है |कभी ऐसा लग सकता है की कमरे में आपके अतिरिक्त भी कोई है किन्तु आपको दीखता नहीं |कभी सोते समय कोई आपके ऊपर आ सकता है |लग सकता है की कोई आपको दबा रहा है |कभी कोई अदृश्य शक्ति आपसे यौनाचार भी कर सकती है ,यह शक्ति अलग अलग चेहरे भी दिखा सकती है या चेहराविहीन भी हो सकती है |कभी अचानक आग लग सकती है जबकि कोई कारण न समझ आये |बार बार घर परिवार अथवा खुद पर बीमारी आ सकती है |घर या कमरे से दुर्गन्ध महसूस हो सकती है |कभी अदृश्य सी आँखें दिख सकती हैं |सीलन भरा वातावरण बन सकता है |घर में अनायास कलह हो सकता है ,बेवजह मारपीट की नौबत आ सकती है |बिना मतलब मुकदमे ,विवाद शुरू हो सकते हैं |बिना कारण नौकरी जा सकती है |बिना कारण व्यवसाय में हानि हो सकती है |पूरी म्र्हनत के बाद भी व्यवसाय दिन पर दिन कम हो सकता है |सारे प्रयास के बाद भी नौकरी नहीं लग रही या उपयुक्त नहीं मिल रही |अगर ऐसा कुछ है तो आप नकारात्मक उर्जा से प्रभावित हो रहे हैं |
अगर आपके घर में घुसते समय आपका सर भारी हो जाए अथवा आपके कार्य व्यवसाय की जगह पहुचते ही सर भारी हो जाए अथवा दोनों जगह सर भारी हो |अनायास अशुभ लक्षण बार बार दिखे |कभी कभी किंकर्तव्यविमूढ़ सी स्थिति हो अथवा कभी लगे की दिमाग विचारशून्य हो गया है या सोचने समझने की क्षमता कम हो जाए |कहीं ठीक से मन न लगे |तनाव और मानसिक भारीपन महसूस हो |सर गर्म रहे |अनजाना सा भय महसूस हो |पसीने से बदबू बढ़ जाए |बेवजह त्वचा रोग आदि बार बार हो |अचानक हानि हो |झगड़े हो जाएँ |खुद पर से ही विश्वास कम हो जाए |परिवार में सारी व्यवस्था होने पर भी शांति न हो अथवा कलह का वातावरण हो |बेवजह कमजोरी महसूस हो |कुछ करने का मन न करे |आलस्य हो पर नींद भी ठीक से न आये |अनिद्रा अथवा अस्तव्यस्तता हो |साफ़ -सफाई ,पूजा -पाठ का मन न करे तो आप नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो सकते हैं और इनके द्वारा आपकी उन्नति रोकी जा रही है |
इस प्रकार की नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव टोटकों से नहीं समाप्त किया जा सकता |इस तरह की समस्याओं को सोसल मीडिया और टोटकों /उपायों की किताबों से पढ़कर अथवा नीम हकीम ज्योतिषी -तांत्रिक से सुनकर करके नहीं हटाया जा सकता ,क्योकि इन्हें तो खुद इनकी तकनिकी ,समय ,मुहूर्त ,पूर्ण क्रिया ,इसके विज्ञानं ,उर्जाओं की समझ नहीं होती न जानकारी होती है |यह खुद यहाँ वहां लिखे अथवा पोस्ट किये हुए उपाय अथवा टोटके उठाकर बता देते हैं |कैसे ,कब ,कहाँ ,किस तरह और क्यों किये जा रहे उपाय अथवा टोटके जानकारी नहीं होती ,इनके पीछे क्या विज्ञान कार्य करता है ,कैसे ऊर्जा समीकरण बनते और बनाये जाते हैं इन्हें खुद नहीं पता |इसीलिए लाखों लोग ऐसे उपाय ,टोटके करके कोई लाभ नहीं पाते और इनका विश्वास ज्योतिष और तंत्र से उठ जाता है ,इन्हें लगता है सब ठग हैं और केवल यह सब ठग विद्या है |वास्तव में यहाँ बस वास्तविक पकड़ की बात होती है |तलवार की जहाँ जरुरत है वहां सुई चुभोने से काम नहीं होता अपितु नकारात्मक ऊर्जा और उग्र हो अधिक नुक्सान करती है |किसी को छेड़कर अथवा लाठी मार के छोड़ दीजिये तो वह और उग्र हो प्रतिक्रिया करता है |ऐसा ही कुछ नकारात्मक उर्जा के साथ होता है |ज्योतिषीय उपाय भी अगर पूर्ण और प्रभावी नहीं किये जाएँ तो कोई प्रभाव नहीं दे पाते |टोटके केवल सामान्य परिस्थिति में ही प्रभाव डालते हैं |नकारात्मक ऊर्जा अगर शक्तिशाली हुई तो टोटकों पर उलटी ही प्रतिक्रिया सामने आती है |यही सब कारण है की यहाँ वहां से लोग उपाय जानकर करते रहते हैं और परेशान के परेशान ही रहते हैं |
नकारात्मक ऊर्जा पर सात्विक और सौम्य शक्तियों का बहुत प्रभाव नहीं पड़ता |हाँ यह घर और व्यक्ति पर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा जरुर देती हैं जिससे नकारात्मकता की मात्रा का बैलेंस जरुर कम हो जाता है पर वह न समाप्त होती है न कम होती है |जो अच्छे या शुभ परिणाम दीखते हैं वह सकारात्मकता बढने के कारण होते हैं |नकारात्मक ऊर्जा तो यथावत बनी ही रहती है और गाहे बगाहे अपना असर दिखाती ही रहती है |
उपाय :
नकारात्मक उर्जाओं को हटाने के लिए उग्र शक्तियों का ही सहारा लेना पड़ता है |इसीलिए तांत्रिक और उग्र महाविद्याओं ,भैरव आदि के साधक इन कार्यों में अधिक सफल होते हैं |नकारात्मकता हटाने के लिए उग्र महाशक्तियों यथा काली ,बगलामुखी ,तारा ,धूमावती ,हनुमान ,काल भैरव ,नृसिंह ,दुर्गा ,छिन्नमस्तिका ,रूद्र आदि की साधना -उपासना और हवन अधिक प्रभावी होते हैं |इन नकारात्मक शक्तियों से किसी भी तरह प्रभावित व्यक्तयों को उपरोक्त उग्र शक्तियों के यन्त्र ,कवच में धारण करने चाहिए और इन शक्तियों की ही उपासना करनी चाहिए |स्पष्ट छाया या वायव्य बाधाओं से ग्रस्त व्यक्तियों को खुद उपाय न करके कवच धारण करना चाहिए और किसी अच्छे तांत्रिक या महाविद्या साधक से संपर्क करना चाहिए |
इस तरह की नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में प्रत्यंगिरा ,विपरीत प्रत्यंगिरा ,बगला प्रत्यंगिरा ,बजरंग बाण ,काली सहस्त्रनाम ,बगला सहस्त्रनाम ,सुदर्शन कवच ,देवी कवच ,बगला -काली -घूमावती कवच ,गायत्री हवन आदि के लाभदायक प्रभाव पड़ते हैं |घर में प्रकाश की उपयुक्त व्यवस्था के साथ सीलन ,गन्दगी पर विशेष ध्यान देना चाहिए |गुगुल -कपूर -लोबान आदि जलाने चाहिये |व्यवसाय स्थल पर उग्र शक्तियों के प्राण प्रतिष्ठित -अभिमंत्रित यंत्र लगाकर प्रतिदिन धुप -दीप करते रहने चाहिए |खुद भी इन्हें अच्छे और सम्बंधित शक्ति के ही साधक से बनवाकर धारण करना चाहिए | किसी अच्छे जानकार से ही परामर्श करना चाहिए और उसके बताये मार्गों का ही अनुसरण करना चाहिए |यहाँ वहां से उपाय देखकर और सुनकर नहीं करना चाहिए ,क्योकि इनका अपना विज्ञानं होता है और हर वस्तु ऊर्जा स्वरुप है ,जिसका उपयोग उचित ढंग से न होने पर या तो लाभ होगा नहीं अथवा नुकसान भी संभव है |तांत्रिक उपायों में तो और भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए |.(संपर्क सूत्र .: +16475102650 and +919717032324
Aacharya Goldie madan
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