यकीन मानिये भाग्य भी बदलते हैबदल जाएगा भाग्य परिणामउन्नति ,सफलता ,सम्मान ,समृद्धि कदम चूमेगी
यकीन मानिये भाग्य भी बदलते है
बदल जाएगा भाग्य परिणाम
उन्नति ,सफलता ,सम्मान ,समृद्धि कदम चूमेगी
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यदि आप सचमुच भाग्य बदलना चाहते हैं |भाग्य के उतार चढ़ाव से तंग आ चुके हैं |संघर्ष करते करते थक चुके हैं |भाग्य ,किस्मत ,तकदीर के नाम पर रो रोकर अपने जीवन में दुःख ही दुःख पा रहे हैं ,तो भाग्य बदलने ,उसमे परिवर्तन के बारे में भी जरुर सोचिये |आपका लगेगा कुछ नहीं और जीवन बदल जाएगा |आप सचमुच गंभीर हुए तो आपको आपके भाग्य का पूरा तो मिलेगा ही ,उससे अधिक भी मिलने लगेगा |होगा वह जो कुंडली भी नहीं कहती |भाग्य बदलने के लिए कुछ विषयों और कारकों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है |
आपके अवचेतन की कुंठाएं ,भावनाएं ,आपका आत्मविश्वास ,आपका मनोबल सबसे पहले आपके भाग्य को प्रभावित करता है |
पृथ्वी की सतही उर्जायें ,शक्तियाँ आपको हमेशा प्रभावित करती रहती हैं ,किसी को कम तो किसी को अधिक इन्हें नियंत्रित अथवा संतुलित किया जाना आवश्यक होता है |
अपने मन और सोच में बदलाव तृतीय आवश्यकता होती है तथा
उच्च ईश्वरीय शक्ति की कृपा चौथी आवश्यकता होती है |यदि इतना व्यक्ति कर ले तो उसका भाग्य परिवर्तित होने लगता है |हम क्रमशः एक एक विषय का विश्लेष्ण करते हैं और जानते हैं की किस तरह क्या किया जाना चाहिए भाग्य में परिवर्तन लाने के लिए |
१. भाग्य में बदलाव कर्म से ही हो सकता है |कर्म भी सही दिशा में होने चाहिए |इसके लिए आपको अपना आत्म विश्लेष्ण करने की जरूरत होगी जिसे [Self realization] कहते हैं |इस क्रम में आपको मात्र 5 मिनट अपने आपको ,खुद देने हैं और रात सोने के ठीक पूर्व अपने दैनिक क्रियाकलाप का आत्म विश्लेषण करना है |आप जब अपने सभी दैनिक कार्यों से मुक्त हो शयन करने के लिए शैया पर पहुँच जायं तब आप अपने पूरे ध्यान को अपनी दैनिक दिनचर्या पर केन्द्रित करें और सुबह सोकर उठने से लेकर रात्री शयन को आने तक हर एक मिनट के कार्य को याद करने का प्रयास करें |पांच मिनट में यह हो जाएगा |हर बात को याद करने के बाद केवल इतना ध्यान दें की पूरे दिनचर्या में से कितना कार्य आपको आने वाले भविष्य में काम आएगा और कितने समय की गयी क्रिया काम में नहीं आएगी |दूसरा बिंदु क्या कमी रह गई दिन के किस काम में जो किसी और तरह से हो सकता था और अधिक सफलता दे सकता था |बस इतना ही करना है |कोई निर्णय नहीं लेना है बस सोचना है और सो जाना है |यह कार्य आपको लगातार कम से कम ६ महीने तक करना है | इस आत्म विश्लेषण से आपका भाग्य नहीं बदलेगा किन्तु आपकी 50 प्रतिशत कमियां अपने आप निकल जायेंगी |आपको पता भी नहीं चलेगा और आपको कोई प्रयास भी नहीं करना होगा फिर भी आप अपने उन्नति के लिए अग्रसर हो जायेंगे |आपमें एक नए व्यक्तित्व का उदय हो जाएगा और आप प्रसंशा के पात्र हो जायेंगे |आप नई ऊर्जा से भर जायेंगे |[मुक्ति मार्ग ]
२. हर व्यक्ति को पृथ्वी की सतह पर सक्रिय उर्जायें प्रभावित करती हैं |इनमे अधिकतर नकारात्मक उर्जायें होती हैं ,चूंकि पृथ्वी की अपनी ऊर्जा नहीं है और सूर्य के ऊर्जा से यह उर्जिकृत है अतः स्वयं में यह ऋणात्मक ऊर्जा से संलिप्त है तथा यहाँ नकारात्मक उर्जायें चारो तरफ क्रियाशील हैं |यह उर्जायें व्यक्ति को प्रभावित करती रहती हैं ,किसी को कम तो किसी को अधिक |इसीलिए किसी को उसके भाग्य का पूरा फल पूरी तरह नहीं मिल पाता |किसी को 50 तो किसी को 90 प्रतिशत तक मिल जाता है |इन नकारात्मक प्रभावों को शरीर ,मन और आत्मा को प्रभावित करने से रोकने के लिए व्यक्ति को उग्र उच्च शक्तियों जैसे दुर्गा ,काली ,बगलामुखी का यन्त्र कम से कम २१ हजार मन्त्रों से अभिमंत्रित कराकर चांदी के कवच में धारण करना चाहिए |इसे न मजाक समझें न स्वार्थ से प्रेरित सुझाव समझें |यह हमारे द्वारा निर्मित कवच धारण करने वाले के अनुभव पर आधारित सुझाव है |कवच /ताबीज का इतना प्रभाव होता है की यदि यह अच्छे से बने हों तो भाग्य तक बदल सकते हैं |यह नकारात्मक प्रभाव तो हटाते ही हैं ,साथ ही शरीर के विशेष चक्र की क्रियाशीलता भी बढ़ा देते हैं जिससे एक भिन्न और शक्तिशाली ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है |परिणाम स्वरुप शरीर की क्रियाशीलता ,रासायनिक क्रियाएं ,मष्तिष्क की सोच की दिशा ,मानसिक क्षमता ,आत्मबल ,अवचेतन की स्थिति ,निर्णय क्षमता प्रभावित होती है ,साथ ही जुडी हुई दैवीय शक्ति की सहायता भी मिलती है नकारात्मकता तो हटती ही है |इसलिए कवच /ताबीज इसके विशेष साधक से बनवाकर धारण करे
3, अब बस एक बिंदु पर आपको और कार्य करना है वह भी केवल एक ही दिन बस |अन्य दिनों में आपको बस उसे देखना और चलते फिरते दोहराना है |केवल एक दिन जब भी वृहस्पतिवार हो उस दिन आपको 9 सादे पीले कागज़ लेने हैं एक फुट लम्बे चौड़े |यदि आप छोटे घर में रहते हैं तो ५ कागज़ लें |इस कागज़ पर बीचो बीच आपको एक आधार वाक्य अपने जीवन का लिखना है जैसे असंभव कुछ भी नहीं या i am the best या dont be a part of crowd ,या भाग्य बदल सकता है ,या गरीब पैदा तो हुआ हूँ पर गरीब मरुंगा नहीं या मैं हर तरह से सक्षम हूँ या दुनिया तो झुकती है एक दिन झुकेगी |इस तरह का कोई भी केवल एक शब्द जो भी आपको आपके प्रकृति के अनुसार अनुकूल और उपयुक्त लगता है उन सभी कागजों पर बीच में मोटे अक्षरों में लिखें |इसके बाद इस शब्द के चारो तरफ लाल कलम से 9 बार "ह्रीं" मंत्र लिखें अर्थात आदर्श या आधार वाक्य के पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण तीन तीन "ह्रीं" होंगे |इन कागजों को ऐसी जगहों पर लगाएं जहाँ आपकी नजर सबसे अधिक पड़ती हो |जैसे दर्पण के ऊपर ,पढ़ाई के टेबल के ऊपर ,बिस्तर के सामने ,टेलीविजन के ऊपर ,दरवाजे के अन्दर की तरफ आदि |आप कागज़ हमेशा विषम संख्या में लगायेंगे |मुख्यतया 9 ,कम में ५ या तीन |लगाने के बाद कुछ नहीं करना है |बस जब भी नजर पड़े दोहरा दीजिये बीच का शब्द बस और उसके गुण याद कर लीजिये |"" को नहीं दोहराना है न ही ध्यान देना है |
इन तीन चरणों को यदि आप कर लेते हैं तो यकीन मानिए आपकी किस्मत चमक जायेगी |रोज की दिनचर्या में केवल आत्मनिरीक्षण के ५ मिनट ही लगेंगे ,अन्य दो क्रिया कागज़ पर शब्द और ताबीज धारण में बस एक दिन का कुछ समय देना होगा |इन चरणों से परिवर्तन आपको 15 दिन में दिखने लगेंगे और तीन से ६ महीने में आप बदल जायेंगे |भाग्य ,कर्म ,सोच ,दिशा ,दशा सब बदलने लगेगी |एक नए व्यक्तित्व का उदय होगा और भाग्य आपके कर्मानुसार चलने लगेगा |आप अपने आप में पूर्ण होंगे ,संतुष्ट होंगे ,सफल होंगे ,सम्मनित होंगे और समस्यामुक्त होंगे गलतियों से |हमने एक सुझाव रखा है आपके समग्र उन्नति ,सफलता ,शान्ति और संतुष्टि के लिए अपने अनुभव के आधार पर आप माने या न माने आपकी इच्छा |[व्यक्तिगत विचार ]
Aacharya Goldie Madan
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