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अष्ट काली मन्त्र

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अष्ट काली मन्त्र ॥  ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिं मे देहि दापय नमः ॥ दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जाप करें. दिगम्बर अवस्था में जाप करें या काले रंग का आसन वस्त्र रखें. रुद्राक्ष या काली हकीक माला से जाप करें. पुरश्चरण १,२५,००० मन्त्रों का होगा. रात्रिकाल में जाप करें. जप के बाद १२५०० मन्त्र में स्वाहा लगाकर सामान्य हवन सामग्री या कालीमिर्च से हवन  करें. Aacharya Goldie Madan Whats app +16475102650 and +919717032324

माँ चंडी रहस्य और साधना विधान

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माँ चंडी रहस्य और साधना विधान सप्तशती महत्व और चंडी रहस्य साधना  माँ दुर्गा के महात्म्य का ग्रन्थ सप्तशती शाक्त संप्रदाय का सवार्धिक प्रचलित ग्रन्थ है और यह भी निर्विवाद सत्य है कि जितना शाक्त सम्पद्रय में है उतना ही शैव-वैष्णव और अन्य संप्रदाय में भी है सभी संप्रदाय में समान रूप से प्रचलित होने वाला एक मात्र ग्रन्थ सप्तशती है पाश्चात्य के प्रसिद्द विद्वान और  विचारक मि. रोला  ने अपने विचारों में सहर्ष स्वीकार किया है कि “सप्तशती के नर्वाण मन्त्र को  (ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै)  संसार की सर्वश्रेष्ठतम प्रार्थनाओं में परिगणित करता हूँ” | सौम्या सौम्य तरा शेष सौमेभ्यस्वती सुंदरी  ----- “देवि तुम सौम्य और सौम्यतर तो हो ही, परन्तु इतना ही, जितने भी सौम्य पदार्थ है, तुम उन सब में सब की अपेक्षा अधिक सुंदरी हो” | ऋषि गौतम मार्कण्डेय आठवे मनु की पूर्व कथा के माध्यम से नृपश्रेष्ठ सुरथ एवं वणिक श्रेष्ठ समाधी को पात्र बनाकर मेधा ऋषि के मुख से माँ जगदम्बा के जिन स्वरूपों का वर्णन किया गया है .. वह सप्तसती का मूल आख्यान है | शक्ति-शक्...

पद्मावती साधना

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पद्मावती साधना                     तन्त्र कोई क्रिया धर्म या पद्धति नहीं है, अपितु व्यवस्थित रूप से मन्त्र साधना और सिद्धि प्राप्त करने का अधिकार है। ब्राह्मण ग्रन्थों में तन्त्र जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण बौद्ध और जैन ग्रन्थों में भी है, बल्कि जैन धर्म में तो तन्त्र को प्रमुखता दी गई है।           जैन ग्रन्थों के अध्ययन से पता चलता है कि मानसिक शान्ति एवं आत्मा की पवित्रता पर जितना ज़ोर दिया है, उतना ही तन्त्र साधना पर भी महत्व प्रदर्शित किया है। श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों ही सम्प्रदायों तन्त्रात्मक मन्त्र पद्धति को विशेष महत्व दिया है।           पद्मावती साधना मूलतः जैन साधना है, यद्यपि इसका उल्लेख "मन्त्र महार्णव" एवं अन्य तान्त्रिक-मान्त्रिक ग्रन्थों में भी आया है, परन्तु इसका सांगोपांग विस्तार से विवेचन जैन ग्रन्थों में ही पाया जाता है। जैन समाज में दीपावली की रात्रि को देवी पद्मावती की साधना-पूजन तो प्रत्येक व्यक्ति करता ही है।         ...

मयूरेश स्तोत्र साधना

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मयूरेश स्तोत्र साधना                                                     " ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।                निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा॥"            हम परम्परा अनुसार भी और चूँकि बचपन से हम सबने इसी तरह की विधियाँ दैनिक जीवन में देखी हैं ,  अतः हम भी उसी पर चलने के आदि हैं ,  जो कि शास्त्र सम्मत भी है कि किसी भी शुभ कार्य के पहले भगवान गणपतिजी का स्मरण किया जाता है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि भगवान गणपति समस्त विघ्नों का नाश करने वाले ,  कार्यों में सिद्धि देने वाले तथा जीवन में सभी प्रकार से पूर्णता देने वाले हैं।           इसीलिए  "कलौ चण्डी विनायको"  कहा गया है अर्थात् कलियुग में दुर्गा एवं गणपति ही पूर्ण सफलता देने में सहायक है। चाह...

भोजपत्र वशीकरण सिद्धि

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भोजपत्र वशीकरण सिद्धि भोजपत्र के टोटके/उपाय/उपयोग, भोजपत्र यंत्र, भोजपत्र मंत्र वशीकरण- इससे पहले की हम आपको भोजपत्र से जुड़े जादू-टोटके व वशीकरण मंत्र साधना के बारे मे बताए जरूरी है की उससे पहले आप जान ले की भोजपत्र का संबंध एक खास पेढ की छाल से होता है, न की जैसा अक्सर हम सोचते है की ये कोई पत्ता है। दरअसल ये भोजपत्र हिमालय की घाटियों में पाये जाते है और ये 15 से 20 मीटर ऊंचे वृक्ष की छाल होती है, जोकि गहरे रंग के होते है और क्यूकी ये लंबे समय तक खराब नहीं होते तो इसको संभाल के रखा जा सकता है। जिनका इस्तेमाल वैसे दवाई बनाने के लिए भी किया जाता है। दवाई के अलावा इसका इस्तेमाल टोने-टोटके और पूजा-पाठ में भी किया जाने लगा है। भोजपत्र वशीकरण सिद्धि आपको बता दे की  भोजपत्र की  टहनी की  धूप  के प्रयोग से  भूत – प्रेत   व  जिन्न आदि  को भगाने का काम किया जाता  हैं।  यही नहीं कई साधना ऐसी भी होती है जिसमे  भोजपत्र  के ऊपर  भौरवी ,  काली , देवी लक्ष्मी ,   कामाख्या   आदि के वशीकरण     मंत्र  क...

मनोवांछित व्यक्ति को आकर्षित करने का मंत्र

मनोवांछित व्यक्ति को आकर्षित करने का मंत्र देवी को पानी वाला नारियल अर्पित करें ऋतू फल समर्पित करें मूंगे की माला से मंत्र जप करना चाहिए मंत्र संख्या 10000 निश्चित होती है पीले आसन पर बैठ कर जपें उत्तर की ओर मुख रखें मंत्र-ॐ नमो आकर्षिनी ज्वालामालिनी देव्यै स्वाहा: बाँट कर मंत्र जप प्रतिदिन कर सकते हैं Aacharya Goldie Madan Whats app +16475102650 and +919717032324