तंत्र रहस्य,फूंकना,दम करना
#दिव्य_कुण्ड ◆◆◆◆◆◆◆ तंत्र रहस्य,फूंकना,दम करना क्या लगता हैं आपको की, एक दिन में सिगरेट व चाय पिने वालो की अपेक्षा एक आम व्यक्ति दिन में कितनी बार फूंकता होगा? यदि आप चाय बीडी सिगरेट नहीं पिते तो आप क्यों फूंकेगे? सोचिये???? जब हम को चोट पहुचति है शरिर के किसी भी अंग को, तो सबसे पहली प्रतिक्रीया हमारी फूंकने की क्यों होती हैं? क्या होता हैं फूँकने से? तंत्र में अभिमंत्रित एवं फूँकने करने की परम्परा है इस परम्परा का रहस्य क्या हैं? हम सब के भीतर एक कुण्ड है जो भी जिवित है एवं सांस लेता हैं उसके भीतर यह कुंड प्रकृतिक रूप से विराजमान होता है।इस कुंड के भीतर श्वास-प्रश्वास के मनथन से एक प्राण ऊर्जा प्राप्त होती है जिसका नित्य भंडारण होता रहता है ।प्राण ऊर्जा और श्वास में थोड़ा भेद होता है। श्वास वो होता है जिसे हम प्रकृतिक रूप से नाक के द्वारा खिचते और छोड़ते रहते है। साधारण भाषा में इसे "श्वास प्रशवास "की क्रिया के नाम से जाना जाता है। इस श्वास के भीतर "प्राणतत्त्व "भी संचरण करता रहता है। श्वास ग्रहण करने से वायु के साथ हमारे शरिर के भीतर प्राणतत्त्व लगाता भरता...