पाशुपतास्त्र दिव्य प्रयोग

।।हर हर महादेव शम्भो काशी विश्वनाथ वन्दे ।।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
     👉पाशुपतास्त्र दिव्य प्रयोग
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
  👉 ऐसे दिव्य शस्त्र स्वयं शिवजी प्रसन्न हो तो महान ऋषिमुनियो या महापुरुषों को समाज सुरक्षा हेतु प्रदान करते थे । तंत्रमे सिद्ध हुवे सिढो द्वारा शस्त्र संधान हो सकता है । दिव्य शस्त्र मानसिक शक्ति और ध्वनि से उपार्जित ऊर्जा शक्ति द्वारा भी उपयोग किया जा सकता है । सामान्य उपासक इनका नित्य पाठ करके अपने पर आई कोई भी विपदा का नाश कर सकता है और जीवन को सुखी समृद्ध कर सकता है । 

    पाशुपतास्त्र एक ऐसा अस्त्र है जो पूरे हिंदू इतिहास में सबसे शक्तिशाली और भयंकर हथियारों में शुमार है  । जो की  भगवान शिव और देवी काली का मुख्य  हथियार माना जाता है।  कहा जाता है की इसे मन, आंखों, शब्दों या धनुष से छोड़ा जाता था । पाशुपतास्त्र की शक्ति ऐसी थी कि इसे कम दुश्मनों या कम योद्धाओं के खिलाफ इस्तेमाल करने से मना किया जाता था।  यह हथियार सभी प्राणियों के लिए अपार नरसंहार करने और उन पर काबू पाने में सक्षम है।  इसलिए सलाह दी जाती है कि पाशुपतास्त्र का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।  यह प्रमुख हथियार पशुपतिनाथ मंदिर का एक महत्वपूर्ण पहलू है जो नेपाल के काठमांडू में स्थित है।  पशुपतिनाथ मंदिर को दुनिया के सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। देवी देवताओ के सभी शास्त्रों के भी स्तुति स्तोत्र , पाठ , माला यजन होते है । सुदर्शन पूजा , खड़गमाला , पांचजन्य स्तोत्र , वज्र स्तुति , आग्नेयास्त्र आवाहन , पाशुपास्त्र बिगेरे के यजनसे भी अमूल्य लाभ लिया जाता है । 
    पाशुपतास्त्र स्तोत्र का मात्र 1 बार जप करने पर ही मनुष्य समस्त विघ्नों का नाश कर सकता है। 100 बार जप करने पर समस्त उत्पातों को नष्ट कर सकता है तथा युद्ध आदि में विजय प्राप्त कर सकता है। इस मंत्र का घी और गुग्गल से हवन करने से मनुष्य असाध्य कार्यों को पूर्ण कर सकता है ।

 👉यह स्तोत्रा अग्नि पुराण के 322 वें अधयाय से लिया गया है। यह अत्यन्त प्रभावशाली व शीघ्र फलदायी प्रयोग है। यदि मनुष्य इस स्तोत्र का पाठ करे तो अवश्य फायदा मिलेगा। शनिदेव शिव भक्त भी हैं और शिव के शिष्य भी हैं। शनि के गुरु शिव होने के कारण इस अमोघ प्रयोग का प्रभाव और अधिाक बढ़ जाता है। यदि किसी साधारण व्यक्ति के भी गुरु की कोई आवभगत करें तो वह कितना प्रसन्न होता है। फिर शनिदेव अपने गुरु की उपासना से क्यों नहीं प्रसन्न होंगे। इस स्तोत्र के पाठ से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और शिव की प्रसन्नता से शनिदेव खुश होकर संबंधित व्यक्ति को अनुकूल फल प्रदान करते हैं।

जैसा कि इसका नाम अमोघ प्रयोग है, उसी प्रकार यह किसी भी कार्य के लिए अमोघ राम बाण है। जिस वर या कन्या के विवाह में विलंब होता है, यदि इस पाशुपत-स्तोत्रा का प्रयोग जैसा कि बताया गया है 1008 की संख्या में पाठ करने के बाद दशांश, हवन, तर्पण एवं मार्जन कर यथा शक्ति ब्राह्मण भोजन कराकर पूर्णाहुति करें तो निश्चित रूप से शीघ्र ही उन्हें दाम्पत्य सुख का लाभ मिलता है। केवल इतना ही नहीं, अन्य सांसारिक कष्टों को दूर करने के लिए भी 1008 पाठ या जप, हवन, तर्पण, मार्जन आदि करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।

 👉मंत्र पाठ
〰️〰️〰️〰️〰️〰️
पाशुपतास्त्र स्त्राोत का 21 दिन नियमित सुबह-शाम 21-21 पाठ प्रतिदिन करें। साथ ही नीचे लिखे स्तोत्र का एक सौ आठ बार अवश्य जाप करें और सुबह या शाम को इस मंत्र की 51 आहुतियां काले तिल से हवन अवश्य करें।

इस पाशुपत स्तोत्र का मात्र एक बार जप करने पर ही मनुष्य समस्त विघ्नों का नाश कर सकता है ।

सौ बार जप करने पर समस्त उत्पातो को नष्ट कर सकता है तथा युद्ध आदि में विजय प्राप्त के सकता है ।

इस मंत्र का घी और गुग्गल से हवं करने से मनुष्य असाध्य कार्यो को पूर्ण कर सकता है ।

इस पाशुपातास्त्र मंत्र के पाठ मात्र से समस्त क्लेशो की शांति हो जाती है ।

 👉स्तोत्र;-
〰️〰️〰️👉👉👉
ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय श्मशान वेतालप्रियाय सर्वविघ्ननिकृन्तन रताय सर्वसिध्दिप्रदाय भक्तानुकम्पिने असंख्यवक्त्रभुजपादाय तस्मिन् सिध्दाय वेतालवित्रासिने शाकिनीक्षोभ जनकाय व्याधिनिग्रहकारिणे पापभन्जनाय सूर्यसोमाग्नित्राय विष्णु कवचाय खडगवज्रहस्ताय यमदण्डवरुणपाशाय रूद्रशूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्वरोगविद्रावणाय ग्रहनिग्रहकारिणे दुष्टनागक्षय कारिणे ।

 👉इस मंत्र का पाठ ओर स्वाहाकार के साथ आहुति देने चाहिए ।

ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट । हूंकारास्त्राय फट । वज्र हस्ताय फट । शक्तये फट । दण्डाय फट । यमाय फट । खडगाय फट । नैऋताय फट । वरुणाय फट । वज्राय फट । पाशाय फट । ध्वजाय फट । अंकुशाय फट । गदायै फट । कुबेराय फट । त्रिशूलाय फट । मुदगराय फट । चक्राय फट । पद्माय फट । नागास्त्राय फट । ईशानाय फट । खेटकास्त्राय फट । मुण्डाय फट । मुण्डास्त्राय फट । काड्कालास्त्राय फट । पिच्छिकास्त्राय फट । क्षुरिकास्त्राय फट । ब्रह्मास्त्राय फट । शक्त्यस्त्राय फट । गणास्त्राय फट । सिध्दास्त्राय फट । पिलिपिच्छास्त्राय फट । गंधर्वास्त्राय फट । पूर्वास्त्रायै फट । दक्षिणास्त्राय फट । वामास्त्राय फट । पश्चिमास्त्राय फट । मंत्रास्त्राय फट । शाकिन्यास्त्राय फट । योगिन्यस्त्राय फट । दण्डास्त्राय फट । महादण्डास्त्राय फट । नमोअस्त्राय फट । शिवास्त्राय फट । ईशानास्त्राय फट । पुरुषास्त्राय फट । अघोरास्त्राय फट । सद्योजातास्त्राय फट । हृदयास्त्राय फट । महास्त्राय फट । गरुडास्त्राय फट । राक्षसास्त्राय फट । दानवास्त्राय फट । क्षौ नरसिन्हास्त्राय फट । त्वष्ट्रास्त्राय फट । सर्वास्त्राय फट । नः फट । वः फट । पः फट । फः फट । मः फट । श्रीः फट । पेः फट । भूः फट । भुवः फट । स्वः फट । महः फट । जनः फट । तपः फट । सत्यं फट । सर्वलोक फट । सर्वपाताल फट । सर्वतत्व फट । सर्वप्राण फट । सर्वनाड़ी फट । सर्वकारण फट । सर्वदेव फट । ह्रीं फट । श्रीं फट । डूं फट । स्त्रुं फट । स्वां फट । लां फट । वैराग्याय फट । मायास्त्राय फट । कामास्त्राय फट । क्षेत्रपालास्त्राय फट । हुंकरास्त्राय फट । भास्करास्त्राय फट । चंद्रास्त्राय फट । विघ्नेश्वरास्त्राय फट । गौः गां फट । स्त्रों स्त्रौं फट । हौं हों फट । भ्रामय भ्रामय फट । संतापय संतापय फट । छादय छादय फट । उन्मूलय उन्मूलय फट । त्रासय त्रासय फट । संजीवय संजीवय फट । विद्रावय विद्रावय फट । सर्वदुरितं नाशय नाशय फट ।

      स्तोत्र , मंत्र पाठ ओर आहुति के बाद शिवजी को अपनी समस्या का निवारण करने केलिये प्रार्थना करे । सरल शब्द रचना का ये स्तोत्र मंत्र पाठ प्रचंड शक्ति दाता है । इनकी शब्द ध्वनि से जो ऊर्जा प्रकट होती है वो अति शीघ्र ही आपकी समस्या का निराकरण कर देती है ।
Aacharya Goldie Madan
Whats app +16475102650 and +919717032324

Comments

Popular posts from this blog

vashikaran mohini and solution to all problems

BAGLAMUKHI VASHIKARAN MOHINI MANTRA

Baglamukhi jayanti sadhna