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विवाह में सात फेरे ही क्यों लेते हैं?

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विवाह में सात फेरे ही क्यों लेते हैं? 🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰 विवाह का अर्थ 🔰➖➖🔰 ✍️विवाह को शादी या मैरिज कहना गलत है। विवाह का कोई समानार्थी शब्द नहीं है। विवाह= वि+वाह, अत: इसका शाब्दिक अर्थ है- विशेष रूप से (उत्तरदायित्व का) वहन करना। अन्य धर्मों में विवाह पति और पत्नी के बीच एक प्रकार का करार होता है जिसे कि विशेष परिस्थितियों में तोड़ा भी जा सकता है, लेकिन हिन्दू धर्म में विवाह बहुत ही भली-भांति सोच- समझकर किए जाने वाला संस्कार है। इस संस्कार में वर और वधू सहित सभी पक्षों की सहमति लिए जाने की प्रथा है। हिन्दू विवाह में पति और पत्नी के बीच शारीरिक संबंध से अधिक आत्मिक संबंध होता है और इस संबंध को अत्यंत पवित्र माना गया है। ॐ यदैषि मनसा दूरं, दिशोऽ नुपवमानो वा। हिरण्यपणोर् वै कर्ण, स त्वा मन्मनसां करोतु असौ।। -पार.गृ.सू. 1.4.15 विवाह एक संस्कार ============== सात फेरे या सप्तपदी : हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। विवाह में जब तक 7 फेरे नहीं हो जाते, तब तक विवाह संस्कार पूर्ण नहीं माना जाता। न एक फेरा कम, न एक ज्यादा। इसी प्रक्रिया में दोनों 7 फेरे ल

तंत्र प्रयोग ( काला जादू ) होने के योग और लक्षण :-

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तंत्र प्रयोग ( काला जादू ) होने के योग और लक्षण :- 💀➖💀➖💀➖💀➖💀➖💀➖💀➖💀 नकारात्मक तंत्र-मंत्र को वो लोग अपनाते हैं जोकि दूसरों की सफलता से ईर्ष्या करते हैं। इस तरह के व्यक्तियों के अंदर नकारात्मकता, ईर्ष्या, लालच, निराशा, कुंठा इस तरह से घर कर जाती है कि वे दूसरों की सफलता, उन्नति, समृद्धि को स्वीकार नहीं कर पाते हैं तथा वे उस व्यक्ति से प्रतिशोध लेने के लिए काले जादू के द्वारा उसके लिए परेशानियां पैदा कर आनंद का अनुभव करते हैं। काले जादू का प्रयोग दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने या चोट पहुंचाने के लिए कुछ विशेष तरह की क्रियाओं के द्वारा सम्पन्न किया जाता है। इस प्रथा का प्रभाव हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति पर भी देखा जा सकता है।   शास्त्रों में काले जादू को अभिचार के नाम से भी जाना जाता है अर्थात ऐसा तंत्र-मंत्र जिससे नकारात्मक शक्तियों को जागृत किया जाता है। काले जादू अर्थात नकारात्मक तंत्र-मंत्र का मुख्य उद्देश किसी व्यक्ति को उस स्थान से भगाना, उसे परेशान करना या उसे अपने वश में करके उसका इस्तेमाल करना या उसे बर्बाद करना होता है।    काले जादू अर्थात नकारात्मक तंत्र-मंत्र से ग्रसित

महिलाओं का मोटापा और संतान समस्या का कारण कुंडली मे अशुभ बृहस्पति की स्थिती

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महिलाओं का मोटापा और संतान समस्या का कारण कुंडली मे अशुभ बृहस्पति की स्थिती 🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼 🌼🍁गुरु कुण्डली में कमजोर हो या पाप ग्रहों के प्रभाव में हो, नीच का हो, तो व्यक्ति को बहुत सी बीमारियों का मालिक बन देता है जैसे 🌼गाल-ब्लेडर,में स्टोन्स  🌼एनीमिया 🌼शरीर में अकारण बहुत दर्द 🌼दिमागी रुप से बेचैनी 🌼पेट में गड़बड़ 🌼बवासीर 🌼वायु विकार 🌼कान 🌼फेफडों में पानी 🌼नाभी खिंचना  🌼चक्कर आना  🌼बदहजमी 🌼हर्निया   🌼मोतियाबिन्द  🌼अण्डाश्य का बढना 🌼बेहोशी 🌼मधुमेह 🌼पित्ताशय से संबधित बिमारियां होती है। कुंडली में गुरु के नीच वक्री या बलहीन होने पर व्यक्ति के  🌼🌼शरीर की चर्बी भी बढने लगती है जिसके कारण वह बहुत मोटा भी हो जाता है.   🌼पाचन तंत्र कमजोर होता जाता है ,मसल्स कमजोर होते जाएंगे जिसकी वजह से मोटापा और दर्द बढ़ता जाता है . 🌼यदि गुरु बहुत कमजोर होंगे तो ये दर्द आपको सामान्य जीवन भी नही जीने देंगे। 🌼शरीर की टिश्यू कमजोर होने के कारण आपके कमर एवं जांघो के निचले हिस्से में लगातार और असहनीय दर्द की समस्या बनी रहेगी। 🌼👩महिलाओं में खराब गुरु शरीर मे आलस बढ़ाता जाएगा जिस

सर्वदोष नाश के लिये रुद्राभिषेक विधि -

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रुद्राभिषेक - 🕉️➖🕉️ सर्वदोष नाश के लिये रुद्राभिषेक विधि - 🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰 रुद्राभिषेक अर्थात रूद्र का अभिषेक करना यानि कि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जैसा की वेदों में वर्णित है शिव और रुद्र परस्पर एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही रुद्र कहा जाता है। क्योंकि- रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानि की भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्राभिषेक करना शिव आराधना का सर्वश्रेष्ठ तरीका माना गया है। रूद्र शिव जी का ही एक स्वरूप हैं। रुद्राभिषेक मंत्रों का वर्णन ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में भी किया गया है। शास्त्र और वेदों में वर्णित हैं की शिव जी का अभिषेक करना परम कल्याणकारी है। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारे पटक-से पातक कर्म भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है। रूद्रहृदयो

शादी में विलंब या शादी न होने से हैं परेशान, जानें कारण और करें समाधान

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शादी में विलंब या शादी न होने से हैं परेशान, जानें कारण और करें समाधान 🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰 ✍️मेरी शादी कब होगी, जीवनसाथी कैसा होगा, विवाह में कोई विलंब तो नहीं और अगर है तो क्या? और शादी के उपाय क्या हैं? विवाह योग्य युवक और युवतियों के मन में ऐसे कई सवाल अाते हैं, लेकिन उचित जानकारी के अभाव में इसका जवाब नहीं मिल पाता। भारतीय संस्कृति में 16 संस्कारों में विवाह संस्कार भी आता है, जो अहम है। कई बार शादी नहीं होती और कई बार शादी के बाद संबंध विच्छेद हो जाता है। यह सब कुछ ग्रहों के फेर के कारण होता है। कुंडली का सातवां घर बताता है कि आपकी शादी किस उम्र में होगी। शादी के लिए कौन सी दिशा उपयुक्त रहेगी जहां प्रयास करने पर जल्द ही शादी हो सके। कुल मिलाकर जब एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव सातवें घर पर हो तो विवाह में विलंब होता है। ग्रहों के कारण अाती है विवाह में बाधा वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कुंडली, यदि छठे घर से संबंधित दशा या अन्तर्दशा चल रही हो तो विवाह में विलंब या विघ्न उत्पन्न होता है। कई बार विलंब से शादी होने पर भी उपयुक्त जीवन साथी नहीं मिल पाता है। यहां हम विवाह में विलंब

गोरख_वचन

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#गोरख_वचन ◆◆◆◆◆◆◆ सत नमो आदेश,गुरीजी को आदेश,ॐ गुरूजी।। गोरख बोली सुनहु रे अवधू,  पंचों पसर निवारी अपनी आत्मा एपी विचारो,  सोवो पाँव पसारी “ऐसा जप जपो मन ली | सोऽहं सोऽहं अजपा गई असं द्रिधा करी धरो ध्यान |  अहिनिसी सुमिरौ ब्रह्म ज्ञान नासा आगरा निज ज्यों बाई |  इडा पिंगला मध्य समाई ||  छः साईं सहंस इकिसु जप |  अनहद उपजी अपि एपी || बंक नाली में उगे सुर |  रोम-रोम धुनी बजाई तुर ||  उल्टी कमल सहस्रदल बस |  भ्रमर गुफा में ज्योति प्रकाश ||  गगन मंडल में औंधा कुवां,  जहाँ अमृत का वासा |  सगुरा होई सो भर-भर पिया,  निगुरा जे प्यासा । । 🚩जै श्री महाकाल🚩आदेश आदेश नमो नमः aacharya Goldie Madan Whats app +16475102650 and +919717032324

अपने ऊपर तान्त्रिक प्रयोग का कैसे पता करें

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*अपने ऊपर तान्त्रिक प्रयोग का कैसे पता करें*    💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀 *टोने -टोटके हैं या नहीं इन लक्षणों से जानें* 🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰 *अक्सर लोग सोचते हैं की किसी ने उनपर कोई जादू टोना या तांत्रिक प्रयोग कर दी है तो आईये जानते हैं –* 1) रात को सिरहाने एक लोटे मैं पानी भर कर रखे और इस पानी को गमले मैं लगे या बगीचे मैं लगे किसी छोटे पौधे मैं सुबह डाले 3 दिन से एक सप्ताह मे वो पौधा सूख जायेगा  । 2) रात्रि को सोते समय एक हरा नीम्बू तकिये के नीचे रखे और प्रार्थना करे कि जो भी नेगेटिव क्रिया हूई इस नीम्बू मैं समाहित हो जाये । सुबह उठने पर यदि नीम्बू मुरझाया या रंग काला पाया जाता है तो आप पर तांत्रिक क्रिया हुई है। 3) यदि बार बार घबराहट होने लगती है, पसीना सा आने लगता हैं, हाथ पैर शून्य से हो जाते है । डाक्टर के जांच मैं सभी रिपोर्ट नार्मल आती हैं।लेकिन अक्सर ऐसा होता रहता तो समझ लीजिये आप किसी तान्त्रिक क्रिया के शिकार हो गए है । 4) आपके घर मैं अचानक अधिकतर बिल्ली,सांप, उल्लू, चमगादड़, भंवरा आदि घूमते दिखने लगे ,तो समझिये घर पर तांत्रिक क्रिया हो रही है। 5) आपको अचानक भूख लगती ले