जमीन - जायदाद की समस्या दूर करने और अपने घर की मनोकामना पूर्ति हेतु करे विष्णु भगवान् के इस रूप की तांत्रिकी साधना
जमीन - जायदाद की समस्या दूर करने और अपने घर की मनोकामना पूर्ति हेतु करे विष्णु भगवान् के इस रूप की तांत्रिकी साधना
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धर्म शास्त्रों में मानव की आवास समस्या को दूर करने और गृह सुखों के लिए विशेष देव उपासना बताई गई है। इनमें भगवान विष्णु के वराह अवतार की उपासना का खास महत्व है। पौराणिक मान्यताओं में भगवान वराह ने ही दैत्य हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी की रक्षा की। पृथ्वी के रक्षक देव होने के कारण माना जाता है कि जमीन-जायदाद की समस्या को दूर करने और घर की कामनापूर्ति भगवान वराह की भक्ति से शीघ्र पूरी होती है। भूमि या भवन की कामना के लिए भगवान वराह की पूजा हर मंगलवार पर बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस उपासना में भगवान वराह के विशेष मंत्र जप का महत्व है।
इस उपासना की सरल विधि-
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मंगलवार को सुबह स्नान कर देवालय में हाथ में जल लेकर भगवान वराह की उपासना का संकल्प लें। इस संकल्प में अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, गोत्र और मनोकामना बोलें। जानकारी न होने पर यह पूजा किसी विद्वान ब्राहृमण से कराएं। देवालय में वराहदेव की प्रतिमा न होने पर भगवान विष्णु की षोडशोपचार पूजा करें। जिसमें आवाहन, आसन, पंचामृत स्नान, गंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप, आरती, क्षमा, प्रार्थना आदि सोलह तरीकों से देव उपासना का महत्व है। पूजा के बाद विशेष वराह मंत्र की मूंगे की माला या लाल चन्दन की माला से जप करें-
ॐ नमो भगवते वाराहरूपाय भूभुर्व: स्व: स्यात्पते भूतित्वं देह्येतद्दापय स्वाहा।
इस मंत्र के सवा लाख जप का महत्व है। संभव न हो तो 1 माला नियमित जप भी की जा सकती है। धार्मिक नजरिए से भगवान वराह की पूजा और मंत्र जप सुनिश्चित रूप से भूमि-भवन के सुख देती है। जप के बाद हवन, ब्रह्मभोज का भी महत्व है।
हर हर महादेव ...........................
Aacharya Goldie Madan
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