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Showing posts from February, 2022

अयोग्य व्यक्ति ( दुर्गुणों से युक्त ) न तो गुरु से दीक्षा पाने का अधिकारी है और न ही वह दीक्षित होने पर साधना के क्षेत्र में कोई उपलब्धि ही हासिल कर पाता है

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मनोविज्ञान द्वारा व्यक्ति के जीवन में उसके दूरगामी प्रभावों की विवेचना करते हुए निष्कर्ष रुप में शास्त्रकारों ने प्रतिपादित किया है कि अयोग्य व्यक्ति ( दुर्गुणों से युक्त ) न तो गुरु से दीक्षा पाने का अधिकारी है और न ही वह दीक्षित होने पर साधना के क्षेत्र में कोई उपलब्धि ही हासिल कर पाता है । यही कारण है कि प्रायः संत - महात्मा हरेक किसी को शिष्य नहीं बनाते । कुपात्रजनों को दिया जाने वाला ज्ञानोपदेश , आध्यात्मिक - संकेत , साधना - परामर्श और मंत्र - दीक्षा आदि सब निरर्थक होते हैं । गुरु और शिष्य के बीच पारस्परिक संबंध बहुत शुचिता और परख के आधार पर स्थापित होना चाहिए , तभी उसमें स्थायित्व आ पाता है । इसलिए गुरुजनों को भी निर्दिष्ट किया गया है कि वे किसी को शिष्य बनाने , उसे दीक्षा देने से पूर्व उसकी पात्रता को भली - भांति परख लें । शास्त्रों का कथन हैं - मंत्री द्वारा किए गए दुष्कृत्य का पातक राजा को लगता है और सेवक द्वारा किए गए पाप का भागी स्वामी बनता है । स्वयंकृत पाप अपने को और शिष्य द्वारा किए गए अपराध का पाप गुरु को लगता है । दीक्षा और साधना के लिए अयोग्य व्यक्तियों के लक्षणों को श...

जमीन - जायदाद की समस्या दूर करने और अपने घर की मनोकामना पूर्ति हेतु करे विष्णु भगवान् के इस रूप की तांत्रिकी साधना

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जमीन - जायदाद की समस्या दूर करने और अपने घर की मनोकामना पूर्ति हेतु करे विष्णु भगवान् के   इस रूप की तांत्रिकी साधना  ===================================================================== धर्म शास्त्रों में मानव की आवास समस्या को दूर करने और गृह सुखों के लिए विशेष देव उपासना बताई गई है। इनमें भगवान विष्णु के वराह अवतार की उपासना का खास महत्व है। पौराणिक मान्यताओं में भगवान वराह ने ही दैत्य हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी की रक्षा की। पृथ्वी के रक्षक देव होने के कारण माना जाता है कि जमीन-जायदाद की समस्या को दूर करने और घर की कामनापूर्ति भगवान वराह की भक्ति से शीघ्र पूरी होती है। भूमि या भवन की कामना के लिए भगवान वराह की पूजा हर मंगलवार पर बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस उपासना में भगवान वराह के विशेष मंत्र जप का महत्व है।  इस उपासना की सरल विधि- ----------------------------------- मंगलवार को सुबह स्नान कर देवालय में हाथ में जल लेकर भगवान वराह की उपासना का संकल्प लें।  इस संकल्प में अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, गोत्र और मनोकामना बोलें। जानकारी न होने पर यह पूजा किसी व...