पद्मावती साधना
पद्मावती साधना तन्त्र कोई क्रिया धर्म या पद्धति नहीं है, अपितु व्यवस्थित रूप से मन्त्र साधना और सिद्धि प्राप्त करने का अधिकार है। ब्राह्मण ग्रन्थों में तन्त्र जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण बौद्ध और जैन ग्रन्थों में भी है, बल्कि जैन धर्म में तो तन्त्र को प्रमुखता दी गई है। जैन ग्रन्थों के अध्ययन से पता चलता है कि मानसिक शान्ति एवं आत्मा की पवित्रता पर जितना ज़ोर दिया है, उतना ही तन्त्र साधना पर भी महत्व प्रदर्शित किया है। श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों ही सम्प्रदायों तन्त्रात्मक मन्त्र पद्धति को विशेष महत्व दिया है। पद्मावती साधना मूलतः जैन साधना है, यद्यपि इसका उल्लेख "मन्त्र महार्णव" एवं अन्य तान्त्रिक-मान्त्रिक ग्रन्थों में भी आया है, परन्तु इसका सांगोपांग विस्तार से विवेचन जैन ग्रन्थों में ही पाया जाता है। जैन समाज में दीपावली की रात्रि को देवी पद्मावती की साधना-पूजन तो प्रत्येक व्यक्ति करता ही है। ...