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Showing posts from December, 2022

विवाह में सात फेरे ही क्यों लेते हैं?

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विवाह में सात फेरे ही क्यों लेते हैं? 🔰➖🔰➖🔰➖🔰➖🔰 विवाह का अर्थ 🔰➖➖🔰 ✍️विवाह को शादी या मैरिज कहना गलत है। विवाह का कोई समानार्थी शब्द नहीं है। विवाह= वि+वाह, अत: इसका शाब्दिक अर्थ है- विशेष रूप से (उत्तरदायित्व का) वहन करना। अन्य धर्मों में विवाह पति और पत्नी के बीच एक प्रकार का करार होता है जिसे कि विशेष परिस्थितियों में तोड़ा भी जा सकता है, लेकिन हिन्दू धर्म में विवाह बहुत ही भली-भांति सोच- समझकर किए जाने वाला संस्कार है। इस संस्कार में वर और वधू सहित सभी पक्षों की सहमति लिए जाने की प्रथा है। हिन्दू विवाह में पति और पत्नी के बीच शारीरिक संबंध से अधिक आत्मिक संबंध होता है और इस संबंध को अत्यंत पवित्र माना गया है। ॐ यदैषि मनसा दूरं, दिशोऽ नुपवमानो वा। हिरण्यपणोर् वै कर्ण, स त्वा मन्मनसां करोतु असौ।। -पार.गृ.सू. 1.4.15 विवाह एक संस्कार ============== सात फेरे या सप्तपदी : हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। विवाह में जब तक 7 फेरे नहीं हो जाते, तब तक विवाह संस्कार पूर्ण नहीं माना जाता। न एक फेरा कम, न एक ज्यादा। इसी प्रक्रिया में दोनों 7 फेरे ल...

तंत्र प्रयोग ( काला जादू ) होने के योग और लक्षण :-

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तंत्र प्रयोग ( काला जादू ) होने के योग और लक्षण :- 💀➖💀➖💀➖💀➖💀➖💀➖💀➖💀 नकारात्मक तंत्र-मंत्र को वो लोग अपनाते हैं जोकि दूसरों की सफलता से ईर्ष्या करते हैं। इस तरह के व्यक्तियों के अंदर नकारात्मकता, ईर्ष्या, लालच, निराशा, कुंठा इस तरह से घर कर जाती है कि वे दूसरों की सफलता, उन्नति, समृद्धि को स्वीकार नहीं कर पाते हैं तथा वे उस व्यक्ति से प्रतिशोध लेने के लिए काले जादू के द्वारा उसके लिए परेशानियां पैदा कर आनंद का अनुभव करते हैं। काले जादू का प्रयोग दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने या चोट पहुंचाने के लिए कुछ विशेष तरह की क्रियाओं के द्वारा सम्पन्न किया जाता है। इस प्रथा का प्रभाव हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति पर भी देखा जा सकता है।   शास्त्रों में काले जादू को अभिचार के नाम से भी जाना जाता है अर्थात ऐसा तंत्र-मंत्र जिससे नकारात्मक शक्तियों को जागृत किया जाता है। काले जादू अर्थात नकारात्मक तंत्र-मंत्र का मुख्य उद्देश किसी व्यक्ति को उस स्थान से भगाना, उसे परेशान करना या उसे अपने वश में करके उसका इस्तेमाल करना या उसे बर्बाद करना होता है।    काले जादू अर्थात नकारात्मक तंत्र-मं...

महिलाओं का मोटापा और संतान समस्या का कारण कुंडली मे अशुभ बृहस्पति की स्थिती

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महिलाओं का मोटापा और संतान समस्या का कारण कुंडली मे अशुभ बृहस्पति की स्थिती 🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼➖🌼 🌼🍁गुरु कुण्डली में कमजोर हो या पाप ग्रहों के प्रभाव में हो, नीच का हो, तो व्यक्ति को बहुत सी बीमारियों का मालिक बन देता है जैसे 🌼गाल-ब्लेडर,में स्टोन्स  🌼एनीमिया 🌼शरीर में अकारण बहुत दर्द 🌼दिमागी रुप से बेचैनी 🌼पेट में गड़बड़ 🌼बवासीर 🌼वायु विकार 🌼कान 🌼फेफडों में पानी 🌼नाभी खिंचना  🌼चक्कर आना  🌼बदहजमी 🌼हर्निया   🌼मोतियाबिन्द  🌼अण्डाश्य का बढना 🌼बेहोशी 🌼मधुमेह 🌼पित्ताशय से संबधित बिमारियां होती है। कुंडली में गुरु के नीच वक्री या बलहीन होने पर व्यक्ति के  🌼🌼शरीर की चर्बी भी बढने लगती है जिसके कारण वह बहुत मोटा भी हो जाता है.   🌼पाचन तंत्र कमजोर होता जाता है ,मसल्स कमजोर होते जाएंगे जिसकी वजह से मोटापा और दर्द बढ़ता जाता है . 🌼यदि गुरु बहुत कमजोर होंगे तो ये दर्द आपको सामान्य जीवन भी नही जीने देंगे। 🌼शरीर की टिश्यू कमजोर होने के कारण आपके कमर एवं जांघो के निचले हिस्से में लगातार और असहनीय दर्द की समस्या बनी रहेगी। 🌼👩महिला...