माँ चंडी रहस्य और साधना विधान
माँ चंडी रहस्य और साधना विधान सप्तशती महत्व और चंडी रहस्य साधना माँ दुर्गा के महात्म्य का ग्रन्थ सप्तशती शाक्त संप्रदाय का सवार्धिक प्रचलित ग्रन्थ है और यह भी निर्विवाद सत्य है कि जितना शाक्त सम्पद्रय में है उतना ही शैव-वैष्णव और अन्य संप्रदाय में भी है सभी संप्रदाय में समान रूप से प्रचलित होने वाला एक मात्र ग्रन्थ सप्तशती है पाश्चात्य के प्रसिद्द विद्वान और विचारक मि. रोला ने अपने विचारों में सहर्ष स्वीकार किया है कि “सप्तशती के नर्वाण मन्त्र को (ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै) संसार की सर्वश्रेष्ठतम प्रार्थनाओं में परिगणित करता हूँ” | सौम्या सौम्य तरा शेष सौमेभ्यस्वती सुंदरी ----- “देवि तुम सौम्य और सौम्यतर तो हो ही, परन्तु इतना ही, जितने भी सौम्य पदार्थ है, तुम उन सब में सब की अपेक्षा अधिक सुंदरी हो” | ऋषि गौतम मार्कण्डेय आठवे मनु की पूर्व कथा के माध्यम से नृपश्रेष्ठ सुरथ एवं वणिक श्रेष्ठ समाधी को पात्र बनाकर मेधा ऋषि के मुख से माँ जगदम्बा के जिन स्वरूपों का वर्णन किया गया है .. वह सप्तसती का मूल आख्यान है | शक्ति-शक्...